Gold-Silver Price Today: अक्टूबर का महीना सोने और चांदी दोनों के लिए ऐतिहासिक साबित हो रहा है। 24 कैरेट सोने का भाव अब जीएसटी समेत ₹1,27,879 प्रति 10 ग्राम और चांदी जीएसटी समेत ₹1,80,584 प्रति किलो तक पहुंच गया है। सोमवार को चांदी एक झटके में ₹10,825 महंगी हुई, जबकि सोना ₹2,630 प्रति 10 ग्राम बढ़ गया।
यानी सिर्फ अक्टूबर के महीने में ही सोना ₹8,806 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹32,891 प्रति किलो महंगी हो चुकी है।
आईबीजेए (IBJA) के ताजा रेट्स
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, सोमवार 13 अक्टूबर को 24 कैरेट सोना बिना जीएसटी ₹1,24,155 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जबकि शुक्रवार को इसका रेट ₹1,21,525 था। वहीं, चांदी बिना जीएसटी ₹1,75,325 प्रति किलो पर बंद हुई, जो शुक्रवार को ₹1,64,500 प्रति किलो थी। यानी महज दो कारोबारी दिनों में चांदी ₹10,825 प्रति किलो तक चढ़ गई। IBJA दिन में दो बार रेट जारी करता है ,पहली बार दोपहर 12 बजे और दूसरी बार शाम 5 बजे के आसपास।
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धनतेरस-दिवाली से पहले बढ़ा बाजार में उत्साह धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों से पहले सोने-चांदी की मांग में बढ़ोतरी देखी जा रही है। त्योहारों के सीजन में पारंपरिक रूप से सोना-चांदी की खरीद बढ़ जाती है, जिससे कीमतों में और तेजी आना स्वाभाविक है। इस बार बाजार में इतनी तेज़ी आई है कि दोनों धातुएं रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
बाहरी कारणों से बढ़ी सोने की कीमतें
वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में उछाल कई कारणों से देखने को मिल रहा है। अमेरिका में सरकारी शटडाउन का खतरा और फ्रांस में राजनीतिक संकट ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अनिश्चितता पैदा की है। जब भी ऐसा माहौल बनता है, निवेशक सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने की ओर रुख करते हैं।
इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में लगातार कटौती और डॉलर की कमजोरी ने भी सोने की कीमतों को ऊपर धकेला है। केंद्रीय बैंकों द्वारा बड़े पैमाने पर सोने की खरीद (जिससे पिछले एक दशक में वैश्विक सोना भंडार दोगुना हो गया) ने भी बाजार में तेजी को और मजबूत किया है।
किन कारणों से भी उछला सोना
भारत की सोने की मांग ज्यादातर आयात पर निर्भर करती है। इस साल रुपये में 3.8% की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे विदेशी मुद्रा में खरीदा गया सोना भारत में और महंगा हो गया। इसके साथ ही, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने सोना भंडार को 2023 के 8.1% से बढ़ाकर सितंबर 2025 में 14% तक कर लिया है।
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इसका मतलब यह है कि देश ने भी सोने को एक मजबूत संपत्ति के रूप में अपनाया है, जिससे घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में स्थायी समर्थन मिला है।
कैरेट के हिसाब से गोल्ड के भाव
आज 23 कैरेट गोल्ड भी ₹2,620 महंगा होकर ₹1,24,155 प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ। जीएसटी समेत इसकी कीमत ₹1,27,879 प्रति 10 ग्राम हो गई है।
22 कैरेट गोल्ड ₹2,409 की उछाल के साथ ₹1,13,726 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जो जीएसटी जोड़ने के बाद ₹1,17,137 हो जाता है। 18 कैरेट गोल्ड ₹1,972 बढ़कर ₹93,116 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जिसकी जीएसटी सहित कीमत ₹95,909 प्रति 10 ग्राम रही।
निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी
वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और रुपये की कमजोरी के बीच निवेशक फिर से गोल्ड और सिल्वर में निवेश को सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं। शेयर बाजार की अस्थिरता ने भी लोगों को सोने की तरफ आकर्षित किया है।
अक्टूबर महीने में रिकॉर्ड बढ़त ने एक बार फिर यह साबित किया है कि सोना संकट के दौर में भी सबसे भरोसेमंद निवेश है। वहीं, चांदी की बढ़ती मांग औद्योगिक उपयोगों में भी तेजी का संकेत दे रही है।
धनतेरस से पहले खरीदारी का सही वक्त?
त्योहारी सीजन में सोने की खरीद भारतीय परंपरा का हिस्सा रही है। हालांकि, मौजूदा भावों पर निवेश करने से पहले विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशक धीरे-धीरे खरीदारी करें, ताकि अचानक कीमती धातुओं में आई गिरावट से नुकसान से बचा जा सके।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर डॉलर में और कमजोरी आती है या वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बनी रहती है, तो सोना और ऊपर जा सकता है।
अक्टूबर बना कीमती धातुओं के लिए गोल्डन मंथ
अक्टूबर 2025 अब तक सोने और चांदी के लिए सबसे मजबूत महीनों में से एक रहा है। सोने में ₹8,806 प्रति 10 ग्राम और चांदी में ₹32,891 प्रति किलो की बढ़त ने निवेशकों का भरोसा और मजबूत किया है। त्योहारों के मौसम में यह तेजी जारी रहने की उम्मीद है।
कई ज्वैलर्स का कहना है कि आने वाले दिनों में भी मांग मजबूत बनी रहेगी क्योंकि शादी का सीजन भी पास है। ऐसे में कीमती धातुओं की कीमतों में और उछाल संभव है।
आगे क्या? बाजार का नजरिया
विश्लेषकों के अनुसार, अगर वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बनी रही और डॉलर इंडेक्स में कमजोरी जारी रही तो GOLD ₹1.30 लाख प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है। वहीं, SILVER के ₹1.85 लाख प्रति किलो तक पहुंचने की संभावना है।
निवेशकों को फिलहाल लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करने की सलाह दी जा रही है क्योंकि मौजूदा रुझान मजबूत बने हुए हैं।