Tata Capital Share Listing : टाटा ग्रुप एक बार फिर शेयर मार्केट में हलचल मचाने वाला है। इस बार चर्चा में है Tata Capital Limited का IPO, जो 2025 का अब तक का सबसे बड़ा इश्यू माना जा रहा है। निवेशकों के बीच इस लिस्टिंग को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है क्योंकि टाटा ग्रुप के भरोसे और उसकी मजबूत वित्तीय स्थिति ने इस इश्यू को बेहद खास बना दिया है।
अब सबकी नजरें टिकी हैं 13 अक्टूबर 2025 पर, जब टाटा कैपिटल के शेयर बाजार में लिस्ट होंगे।
भारत का सबसे बड़ा IPO
Tata कैपिटल का IPO 2025 में अब तक का सबसे बड़ा IPO साबित हुआ है। कंपनी ने कुल ₹15,500 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा था, जिसमें ₹6,846 करोड़ फ्रेश इक्विटी शेयर के रूप में और ₹8,665 करोड़ ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत पेश किए गए। यह इश्यू तीन दिनों तक खुला रहा और निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इस IPO के जरिए कंपनी का उद्देश्य सिर्फ पूंजी जुटाना नहीं बल्कि अपने विस्तार की योजनाओं को और मजबूत बनाना है।
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ग्रे मार्केट में मिला मिला-जुला रिस्पॉन्स
लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में Tata कैपिटल के शेयर का प्रदर्शन थोड़ा कमजोर रहा। रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्यादातर समय इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ₹0 से ₹6 के बीच रहा। हालांकि, लिस्टिंग से एक दिन पहले यह घटकर ₹-0.5 तक पहुंच गया, यानी निगेटिव में चला गया। इसका मतलब है कि लिस्टिंग के शुरुआती घंटों में शेयर की कीमतों में थोड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। फिर भी, मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि जैसे ही ट्रेडिंग शुरू होगी, शेयर की असली दिशा स्पष्ट हो जाएगी।
कंपनी क्यों लेकर आई IPO?
Tata कैपिटल देश की प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) में से एक है। इसकी लगभग 1,500 शाखाएं भारत भर में फैली हैं। कंपनी पर्सनल लोन, होम लोन, बिजनेस लोन, एमएसएमई फाइनेंस और वेल्थ मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति रखती है।
इस IPO के जरिए जुटाई गई राशि कंपनी अपने टियर-1 कैपिटल बेस को मजबूत करने, लोन पोर्टफोलियो बढ़ाने और बिजनेस के विस्तार में लगाने की योजना बना रही है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में टाटा कैपिटल अपनी वित्तीय सेवाओं का विस्तार और ग्राहक आधार दोनों बढ़ाने की दिशा में काम करेगी।
दूसरे IPOs से तुलना
Tata कैपिटल के IPO के साथ ही वीवर्क इंडिया और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के भी इश्यू खुले थे। वीवर्क इंडिया की लिस्टिंग के बाद शेयर में लगभग 2.5% की गिरावट देखी गई, जबकि एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का ग्रे मार्केट प्रीमियम 33.60% तक के लिस्टिंग गेन का अनुमान दे रहा है। हालांकि, टाटा कैपिटल का ग्रे मार्केट प्रीमियम इतना ऊंचा नहीं रहा, लेकिन इसके पीछे का भरोसा टाटा ब्रांड का है।
निवेशकों का भरोसा और संभावित रिटर्न
निवेशक मानते हैं कि Tata ग्रुप के शेयरों में लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पोटेंशियल हमेशा बना रहता है। टाटा कैपिटल की मजबूत फंडामेंटल स्थिति और इसके विविध वित्तीय पोर्टफोलियो को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि लिस्टिंग के बाद धीरे-धीरे इस शेयर में सकारात्मक रुझान देखने को मिलेगा।
भले ही शुरुआत में GMP कमजोर दिखा हो, लेकिन टाटा ब्रांड की साख और कंपनी के मजबूत बिजनेस मॉडल की वजह से लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह IPO एक सुरक्षित विकल्प माना जा रहा है।
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लिस्टिंग डे पर क्या उम्मीद करें?
13 अक्टूबर को जब टाटा कैपिटल का शेयर NSE और BSE पर लिस्ट होगा, तो बाजार की शुरुआती प्रतिक्रिया देखने लायक होगी। एनालिस्ट्स का कहना है कि पहले दिन थोड़ी वोलैटिलिटी (Volatility) देखने को मिल सकती है, क्योंकि निवेशक प्रॉफिट बुकिंग और नए निवेश दोनों ही करेंगे।
अगर मार्केट सेंटिमेंट पॉजिटिव रहा, तो यह शेयर अपने इश्यू प्राइस से 5–10% ऊपर खुल सकता है। लेकिन अगर ग्रे मार्केट ट्रेंड का असर रहा, तो शुरुआती घंटों में हल्की गिरावट भी संभव है।
क्या टाटा कैपिटल का IPO है निवेश के लायक?
Tata कैपिटल का बिजनेस मॉडल काफी मजबूत है। यह कंपनी लंबे समय से टाटा ग्रुप की विश्वसनीयता और ग्राहक सेवा के लिए जानी जाती है। इसकी रिटेल और कॉर्पोरेट दोनों सेगमेंट में मजबूत पकड़ है।
अगर आप एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं और सुरक्षित निवेश की तलाश में हैं, तो टाटा कैपिटल आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। मार्केट में इसकी स्थिरता और ब्रांड वैल्यू इसे बाकी फाइनेंस कंपनियों से अलग बनाती है।